
भाई अमन यह काम वर्ष 2009 से कर रहे है। भाई अमन का मकसद सिर्फ अपने रब को राजी करना है,भाई अमन के वालिद साहब की एक नसीहत थी, वे कहते थे- बेटा जो कोई हमारे घर पे आये वो खाली हाथ ना जाए और भाई अमन को देखने पर किसी शायर का मुझे शेर याद आता है, साथही वे दूसरी अहम बात यह कहते हैं कि अपने मां-बाप की खिदमत करो. भाई आगे कहते है कि जो शख्स दीन की दावत देता हूं